घटारानी माता के चरण स्पर्श करता है झरना



घटारानी माता के चरण स्पर्श करता है झरना

घटारानी माता का मंदिर जतमई के पास में ही स्थित है। यह मंदिर अपने झरने के लिए भी जाना जाता है। घटाओं से घिरे रहने के कारण ही इस मंदिर का नाम घटारानी पड़ा। बादलों और धुंध की वजह से इसकी सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। पूरा इलाका जंगल घूमने जैसा अहसास देता है।


माता घटारानी के मंदिर में जाने के लिए एक रास्ता सामने की तरफ से और दूसरा रास्ता ऊपर की ओर से है। सामने वाले रास्ते से मंदिर में जाने पर पहले सभी मंदिरों के दर्शन होंगे फिर अंत में झरना दिखेगा। ऊपर वाले रास्ते से मंदिर में प्रवेश करते समय सावधानी जरूरी है क्योंकि लगातार पानी गिरने की वजह से यहां फिसलन रहती है। जिस जगह पर झरना नीचे गिरता है वहां पर एक कुंड बनाया गया है जिसमें लोग स्नान करते हैं।


यह मंदिर रायपुर से लगभग 80 किलोमीटर और गरियाबंद में जतमई मंदिर से 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह स्थान धमतरी, रायपुर और महासमुंद से सड़क मार्ग से जुड़ा है। अगर घटारानी माता के दर्शन के साथ जतमई मंदिर भी जाना हो तो गरियाबंद में ठहरने के लिए अनेक धर्मशाला, रेस्ट हाउस, सर्किट हाउस, वन विभाग विश्राम गृह, ट्रांजिट हॉस्टल, होटल और लॉज हैं।

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