छत्तीसगढ़ के बस्तर, सरगुजा व बिलासपुर संभाग मे तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय निवासी की भर्ती संविधान के विपरीत
छत्तीसगढ़ में बस्तर व सरगुजा संभाग के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों और बिलासपुर संभाग के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के उद्भूत होने वाली रिक्तियों को संभाग या जिले के स्थानीय निवासियों से भरे जाने पर रोक लग गई है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने इस संबंध में 17 जनवरी 2012 जारी अधिसूचना व थी। समय-समय पर जारी अधिसूचनाओं को संविधान के अनुच्छेद 14, 15 व 16 के विपरीत होने के कारण निरस्त कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने उच्च न्यायालय द्वारा इस संबंध में दायर याचिका प्रकरणों में पारित आदेश की छायाप्रति पालनार्थ व आवश्यक कार्यवाही के लिए सभी विभागों, संभागीय कमिश्नरों, कलेक्टरों व जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भेजी है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने बस्तर संभाग व सरगुजा संभाग के अंतर्गत आने वाले सभी जिले व बिलासपुर संभाग के तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी के उद्भूत होने वाली रिक्तियों को संभाग या जिले स्थानीय निवासी से भरे जाने के संबंध में 17 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की थी.
इस संबंध में समय-समय पर अधिसूचनाएं भी जारी की गईं। इसके विरुद्ध उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। उच्च न्यायालय द्वारा नंदकुमार गुप्ता एवं 140 अन्य छत्तीसगढ़ शासन के विरुद्ध एवं 02 अन्य तथा 06 अन्य याचिका प्रकरणों में दिनांक 12 मई 2022 को आदेश पारित कर संबंधित अधिसूचनाओं को संविधान के अनुच्छेद 14, 15 व 16 के विपरीत होने के कारण निरस्त किया गया है।
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