छत्तीसगढ़ के नवीन जलप्रपात
हांदावाड़ा जलप्रपात
छत्तीसगढ़ में जंगलों एवं पहाड़ों के बीच सैकड़ों जलप्रपातो विद्यमान है, हांदावाड़ा उन जलप्रपात में से एक है। हांदावाड़ा जलप्रपात पहुँचने का मार्ग अत्यंत दुर्गम है, इसलिए यहाँ पर्यटक पहुंच नहीं पाते। यह क्षेत्र नक्सली गढ़ और जंगली जानवरों के कारण पहुंच विहीन इलाका है, हांदावाड़ा जलप्रपात पहुँचने के लिए पगडंडियों का सहारा लेना पड़ता है। इस जलप्रपात की ऊँचाई की बात किया जाय तो हांदावाड़ा जलप्रपात देखने से तीरथगढ़ जलप्रपात से भी ऊँचा प्रतीत होता है।
नक्सल प्रभावित है यह इलाका
नक्सल प्रभावित और दुर्गम इलाका होने के कारण बहुत कम लोग ही पहुंच पाते है, सड़क निर्माण न होने के कारण पगडंडी के सहारे ही इन जलप्रपातों तक पहुंचा जा सकता है।
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मकरभंजा जलप्रपात
एक नवीन ज्ञात जलप्रपात मकरभंजा भी हांदावाड़ा के समतुल्य है। मकरभंजा जलप्रपात जशपुर जिले में घने जंगल के बीच विद्यमान है। इसकी ऊंचाई की बात करें तो देखने मे यह तीरथगढ़ जलप्रपात से ऊंचा प्रतीत होता है।
नीलम सरई जलप्रपात
नीलम सरई जलप्रपात बीजापुर ज़िल में तेलंगाना राज्य की सीमा के करीब है। यदि आवागमन के साधन एवं पर्यटकों के लिए रिसोर्ट का निर्माण कराया जाए तो अवश्य ही नीलम सरई जलप्रपात का विहंगम दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग को इस ओर ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता है।
इन नवीन जलप्रपातों की ऊंचाई कितनी है?
विशेषज्ञों द्वारा जांच पड़ताल करने से इस मनोरम जलप्रपात की वास्तविक ऊंचाई का पता लगाया जा सकता है। अभी पहुंचविहीन, नक्सल प्रभावित एवं दुर्गम क्षेत्र होने के कारण ऊंचाई अज्ञात है।
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