सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसरों की भर्ती अटकी फिर से अटकी
राज्य के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए 40 साल बाद यानी 2021 में विज्ञापन जारी किया गया था, आवेदन भी मंगाए गए थे, लेकिन सूचना जारी होने के 30 दिन बाद ही यानी अक्टूबर में इसे स्थगित किया गया। भर्ती स्थगित होने की मुख्य वजह आयु सीमा को लेकर हुआ विवाद था। अब सात महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग इस विवाद को सुलझा नहीं पाया है और भर्ती अटकी है।
पीएससी के अफसरों का जवाब
सितंबर 2021 में मंगवाएं आवेदन और अक्टूबर 2021 में स्थगित की, अब उच्च शिक्षा को पत्र लिखा है। पीएससी के अफसरों का कहना है कि प्रोफेसरों की भर्ती में आयु सीमा का पेंच फंसा हुआ है। आगे भर्ती होगी या नहीं, इस बारे में उच्च शिक्षा को पत्र भेजकर जानकारी ली जा रही है। भर्ती नहीं होने पर परीक्षा फीस संबंधित आवेदकों को वापस लौटायी जाएगी। उच्च शिक्षा सचिव श्री भुवनेश यादव जी का कहना है कि विवाद का परीक्षण किया जा रहा है, फिर निर्णय लेंगे।
प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया क्या है?
अभी राज्य के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसर बनने से संबंधित दो प्रक्रिया है। एक पदोनति के माध्यम और दूसरा सीधी भर्ती से। कुछ साल पहले कॉलेजों के सौ से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर के रूप में पदोन्नत हुए। लेकिन सीधी भर्ती नहीं हुई है। इस वजह से कॉलेजों में बड़ी संख्या में प्रोफेसर के पद खाली हैं। प्रोफेसर भर्ती के लिए बड़ी संख्या में आवेदन मिले।
प्रोफेसर भर्ती कब कब हुई है?
40 साल बाद सीधी भर्ती के लिए निकाले थे पद इससे पहले, सरकारी कॉलेजों में 1978-80 के समय प्रोफेसरों की सीधी भर्ती हुई थी। तब जमाना मध्यप्रदेश का था। राज्य बनने के बाद पहली बार प्रोफेसर की सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई। 8 सितंबर 2021 को सूचना जारी की गई थी। इसके तहत 595 पोस्ट निकाले गए थे। लेकिन 7 अक्टूबर 2021 को ही इस भर्ती को स्थगित कर दिया गया जो कि अब तक अटकी हुई है.
प्रोफ़ेसर कैसे बनते है?
न्यूनतम योग्यता (Eligibility)
आयु सीमा क्या है?
कॉलेज प्रोफ़ेसर बनने के लिए कौन सी परीक्षा पास करना होता है?
कालेज प्रोफ़ेसर बनने के आपको UGC NET अथवा राज्य पात्रता परीक्षा (SET) पास करना अनिवार्य है. अच्छे रैंक हासिल करने पर एवं परीक्षा क्वालीफाई करने पर किसी भी संस्था में प्रोफ़ेसर के लिए अप्लाई कर सकेंगे.
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